एक होने केे सवाल पर छुप रही है सियासत, आपदा में अवसर ढूंढ रही है सियासत। एक होने केे सवाल पर छुप रही है सियासत, आपदा में अवसर ढूंढ रही है सियासत।
कुछ दोहे...। कुछ दोहे...।
कुर्सी का किस्सा ! कुर्सी का किस्सा !
उल्टा - पुल्टा ! उल्टा - पुल्टा !
मेरे चेहरे पर दुआ मेरी सलामती की, पीछे मेरी बरबादी की फरियाद, क्या मज़ाक है ! मेरे चेहरे पर दुआ मेरी सलामती की, पीछे मेरी बरबादी की फरियाद, क्या मज़ाक है !
बदलो भेस ! बदलो भेस !